कहने को तो सब है अपने ,
कहने को तो सब है अपने ,
मगर हकीकत में “अपना ” कोई नहीं।
खुदाया ! तुम्हीं से बस अब रिश्ता है मेरा ,
तुम्हारे सिवा इस जहां में मेरा कोई नहीं।
कहने को तो सब है अपने ,
मगर हकीकत में “अपना ” कोई नहीं।
खुदाया ! तुम्हीं से बस अब रिश्ता है मेरा ,
तुम्हारे सिवा इस जहां में मेरा कोई नहीं।