कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
सहने की कोई रात नहीं है
बोल रहा यहां, चांद से सूरज
कर लो कितना, सौगात नहीं है।।
सूर्यकांत
कहने की कोई बात नहीं है
सहने की कोई रात नहीं है
बोल रहा यहां, चांद से सूरज
कर लो कितना, सौगात नहीं है।।
सूर्यकांत