कहना
जो हमको कहना था वो उन्होनें फरमाया है,
मेरे दिल का गीत उनके होठों ने गुनगुनाया है।
गफ़लत में रहे हम ख़ुद को लेकर हमेशा,
ज़िदगी ने हमको इस कदर भरमाया है।
कभी उनकी सुनी,कभी अपनी कही,
ख़ुद पर गज़ब सितम हमने ढ़ाया है।
कुछ अधूरा है कब जाने पूरा होगा,
मौत से पहले उसकी खबर को बँटवाया है।
#सरितासृजना