कहते है ……दर्द नहीं होता
कहते हैं …… मर्द को दर्द नहीं होता
पर यह किसने देखा है |
मर्द अपना दर्द बयाँ नहीं करता, यही होता है |
बच्चा महंगे खिलौने की जिद करता है, औकात न होने पर भी खरीद देता है |
फिर वह महीने पर ओवर टाइम
करता है |
घर में कोई बीमार पड़ता है, मर्द अंदर अंदर रोता है |
पर उपर से सबको ‘कुछ नहीं होगा’ समझाता है, सामान्य रहने की कोशिश करता है |
बेटी की विदाई में पिता का कलेजा मुख को आ जाता है |
पर बेटी अपने घर जा रही है,
कहकर माँ को समझाता है |
बेटा दूर पढ़ने जाता, पापा का दिल रोता है |
पर अपने आँसुओं को छिपा
‘मन लगाकर पढ़ना’ बेटे से कहता है |
दिन रात मेहनत करता है, सबकी जरूरत पूरी करता है,
खुद दो जोड़ी कपड़े में ही काम चला लेता है |
पति जब चला जाये, पत्नी दहाड़ मार कर रोती है |
पत्नी जब चली जाये,
पति दिन भर शांत रहता है
रात भर रोता है, तकिये भिगोता है |
शिवकुमार बर्मन ✍️