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6 Apr 2024 · 1 min read

कहते हैं सब प्रेम में, पक्का होता आन।

कहते हैं सब प्रेम में, पक्का होता आन।
दुवा यही भगवान से, मिले मुझे यह ज्ञान।।//1

जहाँ अल्प से कार्य हो, भूल अधिक की बात।
संसाधन उपयोग में, सजग रहो दिन रात।।//2

पशु-पक्षी की लालसा, ज़रूरतों अनुसार।
मूर्ख मनुज संचय करे, लिए फिरे जग भार।।//3

दुरुपयोग करना बड़ा, होता है अपराध।
सदुपयोग हर चीज़ का, पूर्ण करे मन साध।।//4

मेरा-मेरा जो कहे, निज रब से अनजान।
दाना नहीं नशीब हो, चाहे जब भगवान।।//5

इंसान वही मोहसिन, करे सभी से प्रेम।
होता है शैतान वह, चुने स्वार्थ के ग़ेम।।//6

झूठ दाद मत दीजिये, खोलेगी यह पोल।
पोल खुली जिसकी यहाँ, जीवन उसका गोल।।//7

आर.एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 63 Views
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