कसौटी
थोड़ी बेशर्मी, बेइमानी, हरामखोरी, सीखनी पड़ेगी मुझे।
तुम्हारे साथ रिश्ते की कसौटी है ये, देखनी पड़ेगी मुझे।।
जिन नियम शर्तो पर जी रहा हूं मैं, बदलना पड़ेगा मुझे।
बहुत खो दिया सच की राह चलके, ठहरना पड़ेगा मुझे।।
सच के आईने में जो अश्क था मेरा, वो अश्क बदलना होगा।
अश्क मेरा तेरे अश्क जैसा हो जाए, आइना तेरा ही लेना होगा।।
जय सियाराम