कसम से
हमारा ये दिल है तुम्हारा कसम से
हमें कोई तुमसा न प्यारा कसम से
करें कैसे लेकिन मुहब्बत का दावा
न टूटेगा हमसे सितारा कसम से
मिले नैन से नैन जादू हुआ कुछ
रहा अब न दिल ये हमारा कसम से
चढ़ा ज्वर मुहब्बत का हम पर तो ऐसा
न उतरा कभी उसका पारा कसम में
कि डूबे रहोगे सदा प्रेम में तुम
बहाएंगे इसकी यूँ धारा कसम से
नहीं ‘अर्चना’ जीत समझो हमारी
ये दिल जीतकर कर भी है हारा कसम से
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद (उ प्र)