कसक
यह दुनिया
तुझको-मुझको
मिलने नहीं देगी!
लौट जाएगी
आके बहार
खिलने नहीं देगी!!
आंखों से
आंसू बनकर
रिसते रहेंगे घाव!
प्यासे हुए
दो होठों को
सिलने नहीं देगी!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
यह दुनिया
तुझको-मुझको
मिलने नहीं देगी!
लौट जाएगी
आके बहार
खिलने नहीं देगी!!
आंखों से
आंसू बनकर
रिसते रहेंगे घाव!
प्यासे हुए
दो होठों को
सिलने नहीं देगी!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)