कश्मीर की घुट्टी
ये मुआ पाकिस्तान जब से पैदा हुआ ,
एक ही घुट्टी इसे पिलाई गई ।
कश्मीर ! कश्मीर ! कश्मीर ,
बस कश्मीर की ही रट लगवाई गई ।
देश भाड़ में जा रहा है,
जनता नाखुश और असंतुष्ट है ,
आर्थिक संकट उसपर सर पर मंडराएं,
मगर और किसी की सुध इसे न हो पाई ।
दीवाना तो है शैतान भी है नामुराद !
इसने हमारी सीमा पर सदा घुसपैठियों की सेंध लगाई।
पैदा किए बेशुमार आतंक वादियों की फौज ,
जिसने हमारी नींद और चैन उड़ाई ।
हमारे वीर जवानों की कुर्बानियों की कोई हद नहीं,
कभी तो सामने ,तो कभी इनके छल से जान गंवाई ।
मुश्किल है जीतेजी इस बला से पीछा छूटना,
जो फिरंगियों ने ला इलाज बीमारी हमारे देश के तन,
को लगाई ।