Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2024 · 1 min read

” कश्ती रूठ गई है मुझसे अब किनारे का क्या

” कश्ती रूठ गई है मुझसे अब किनारे का क्या
हाथों में सिर्फ लकीरें बची है अब सहारे का क्या ”
© डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी
Surinder blackpen
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
Shweta Soni
अनंतनाग में शहीद हुए
अनंतनाग में शहीद हुए
Harminder Kaur
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
चित्र और चरित्र
चित्र और चरित्र
Lokesh Sharma
2898.*पूर्णिका*
2898.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ललकार भारद्वाज
मुक्तक – भावनाएं
मुक्तक – भावनाएं
Sonam Puneet Dubey
नन्ही भिखारन!
नन्ही भिखारन!
कविता झा ‘गीत’
Don't leave anything for later.
Don't leave anything for later.
पूर्वार्थ
Behaviour of your relatives..
Behaviour of your relatives..
Suryash Gupta
परीलोक से आई हो 🙏
परीलोक से आई हो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क्यों अब हम नए बन जाए?
क्यों अब हम नए बन जाए?
डॉ० रोहित कौशिक
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
कल्पित
कल्पित
Mamta Rani
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
Ravi Prakash
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
मुझको निभाना होगा अपना वचन
मुझको निभाना होगा अपना वचन
gurudeenverma198
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
shabina. Naaz
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
sushil sarna
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
Loading...