“कवि”
आओ तुझे मैं कवि बनाऊं
करके मैं कवियों का गुणगान
रुचि तुझमें जगाऊं
आओ तुझे मैं कवि बनाऊं।।
कवि होते इतने महान
उनकी रचना इतनी सुंदर
जितनी कोई हो फूल सुंदर।
जिसके हास्य व्यंग से हो जाते
लोट पोट श्रोता महान
जिससे मिलती प्रेरणा वीरों को
हो जाते तैयार प्राण न्योछावर को
ऐसे कवि को सम्मान।
छोटी सी रचना में कवि और पाठक
गलतियां ना ढूंढे, भाव को समझें।