कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात (हास्य कुंडलिया)
कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात (हास्य कुंडलिया)
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कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात
हम श्रोता कहते रहे, वाह-वाह क्या बात
वाह-वाह क्या बात, वीर-रस में कुछ गाते
कुछ रसमय-श्रंगार, दिखे लयबद्ध सुनाते
कहते रवि कविराय, भिना-भिन करते आए
सुना रातभर खूब, मगर कुछ समझ न पाए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उ. प्र.)
मोबाइल 9997 615451