कवि वही / दिव्य सत् दे भाव को दिल में उतारे
कवि वही,जो राष्ट्रहित हरदम पुकारे|
ज्ञान ऊँँचाई को गह, न थके-हारे|
स्वयं द्वारा ही,जो अपनी आत्मा को
दिव्य सत् दे,भाव को दिल में उतारे |
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता
22-02-2017