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21 Nov 2021 · 1 min read

कवि की दुनिया न्यारी

कवि की दुनिया न्यारी

अपनी धुन में रमा रहता,
विचारों की धारा में बहता।
शब्दों के जालों में उलझता,
तव भावों का महल बनता।

अति छोटी वस्तु शस्त्र,
उसे जान से प्यारी है।
भालों- तलवारों से पैनी,
सब शस्त्रों पर भारी है।

हृदय की बातें ओंठों पर,
जब कभी न आ पाती,
तब अंगुलियों में थिरकती,
कलम सब लिख जाती है।

ब्रह्मांड सोच से है परे जो,
कल्पनाओं की सभा प्यारी है।
मन का वाहन भ्रमण कराए
कवि की दुनिया न्यारी है।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 344 Views
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