कवि और दर्द।
कवि जो लड़ना सका .अतयाचार से।कवि जो जुड़ना सका परिवार से।।।कवि जो रचना सका निरमलाकार से।।कवि जो लिखता रहा लगातार से।।जो लड़ना सका दुराचार से।कवि कहना सका सत्य और लड़ न सका ढाल तलवार से।।कवि ने लिख डाले दर्द के सागर को पर खुद तड़पता रहा दर्द से।।