कवियों से बिशेष निवेदन।
दाद नही दे सकते हो तो , दर्द दे दिया करो। किसी दूसरे कवियों की रचनाओं को पढ़ लिया करो।कामेंट नहीं कर सकते हो, अंगुली बता दिया करो! मैं मानता हूं कि अपना पुत्र सभी को प्यारा लगता है। कभी कभी दूसरों पर भी दया किया करो।जीती हुई अंगुली को पकड़ते हैं सभी।पर! हम मृत को नकार सकते नहीं।।