कवित्त छंद ( परशुराम जयंती )
ऋषि जमदग्नि और,माता रेणुका के पुत्र,
पितृभक्त सिरमौर,भारत की शान हैं।
बाल ब्रह्मचारी क्रोधी,विप्र कुल गौरव हैं,
आशुतोष आराधक ,जग में महान हैं।
काँधे सुशोभित चाप,कर में कुठार खर,
सुभट प्रतापी वीर ,अति बलवान हैं।
विष्णु अवतार षष्ठ ,वंदनीय ऋषिवर,
नाम है परशुराम ,एक भगवान हैं।।1
अक्षय तृतीया तिथि,लोक शुभकारी अति,
सरोवर नदी-कुंड ,पूत स्नान कीजिए।
श्रीहरि प्रभु विष्णु का,पूर्ण विधि विधान से,
कृपा भक्ति प्राप्ति हेतु,पूजा ध्यान कीजिए।
वस्त्र धन-धान्य आदि,सामर्थ्य के अनुसार,
निर्धन अशक्त जो हैं ,उन्हें दान कीजिए।
अतिशय प्रसन्न हो,देंगे प्रभु वरदान,
बन हरि-भक्त बैठ, गुणगान कीजिए।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय