गीत
डबिंग ( जागृति फिल्म )
आओ बच्चो तुम्हे दिखाये हरियाली इस गाँव की,
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम।। 4
धूप छाव ये कुछ ना देखे इनके कर्म महान है,
सबका ये है भूख मिटाते इनपर तो अभिमान है,
देखो धरती माँ है इनकी नदियां गंगा घाट है,
हरी भरी हैं खेती देखों यहा मौज की ठाठ है,
विनम्र निवेदन करते है बात नही अभिमान की,
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम।। 4
इनको इज्जत प्यारी है रहते नही उधारों पे,
जिसने सारा जीवन काटा धोती और रूमालों पे,
जन जीवन है सभी पले इनके कर्म प्रधानों पे,
कड़ी धूप की क्या औकात चलते हैं अंगारो पे,
डट जाते है सीना ताने बात आये जब शान की,
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम ।। 4
मन में लेके नई उमंग बीज फसल की बोता है,
कई महीनो बाद ही जाके दाना पैदा होता है,
अपने सारे जीवन को संघर्षो पे तोला है,
रहे सलामत दुनिया सबकी सच्चे दिल से बोला है,
चैन सुकून सब उड़ जाता हैं खेती नही आसान की,
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम ।। 4
प्रेम भाव से सभी मनाते दीवाली और होलियां,
एक साथ में चलती इनकी ख़ुशी ख़ुशी टोलियां,
संस्कार से ओतप्रोत है गांव गांव की गोरियां,
बच्चा बच्चा बोल रहा है कृषिक्रांति की बोलियां,
पगड़ी ऊँचा रहे हमेशा आन बान और शान की
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम।। 4
जैविक खेती अपनाते हैं खेत खेत हरियाली है,
घर आँगन में जा के देखो झूम रही ख़ुशहाली है,
कोई किसी का वैर नहीं हर मौसम दीवाली है,
बोले पपीहा पीहू पीहू बारिस होने वाली है,
धन धान्य कटने से पहले नमन करो खलिहान की
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम।। 4
आओ बच्चो तुम्हे दिखाये हरियाली इस गाँव की,
हरियाली जो देख रहे हो मेहनत है किसान की।
किसान है हम….. किसान है हम।। 4
लेखक – कैप्टन अजय मौर्या