Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

कविता

हिंदी दिवस कविता

सरल होते हैं सब बोल हमारे,
जब किसी बात को हम हिंदी में कहते हैं।
और हम सबको लगे यह जानी,
जब हर अक्षर इसका हम पढ़ते हैं।

हमें अभियान होना चाहिए अक्षरौटी में इसकी,
विकट होते हुए भी हम इसे सुलभ समझते हैं।
हो रही है हमे अत्यंत प्रसन्नता
जब हर अक्षर इसका हम पढ़ते हैं।

लगता सहज हमारे भेद और पुराण,
जब भी इन्हें हम हिंदी में पढ़ते या सुनते हैं।
किसी प्रकार का संदेह न रह जाता है अंतस में,
हर कथनों को अभिप्रायों के साथ समझते हैं।

देख भाषा की एक अपनी तर्ज होती है,
हम हिंदी को एक अपनी रीति समझते हैं।
सरल होते सब बोल हमारे,
जब किसी बात को हम हिंदी में कहते हैं।

स्वरचित रचना
सर्वाधिकार सुरक्षित
शिव यादव
✍️✍️

Language: Hindi
2 Likes · 96 Views

You may also like these posts

जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
पितृपक्ष में पितरों का महत्व होता हैं।
पितृपक्ष में पितरों का महत्व होता हैं।
Neeraj Agarwal
- अभी -अभी -
- अभी -अभी -
bharat gehlot
23/112.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/112.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विषय -'अनजान रिश्ते'
विषय -'अनजान रिश्ते'
Harminder Kaur
उन्तालीस साल।
उन्तालीस साल।
Amber Srivastava
निखर गए
निखर गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अवध
अवध
Vivek saswat Shukla
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
Baat faqat itni si hai ki...
Baat faqat itni si hai ki...
HEBA
प्रीत हमारी हो
प्रीत हमारी हो
singh kunwar sarvendra vikram
जनता नहीं बेचारी है --
जनता नहीं बेचारी है --
Seema Garg
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
Acharya Shilak Ram
ज़मीं पर जीने की …
ज़मीं पर जीने की …
sushil sarna
किसी की सेवा...
किसी की सेवा...
ओंकार मिश्र
स्नेह
स्नेह
Rambali Mishra
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
*प्रणय*
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
"ताकीद"
Dr. Kishan tandon kranti
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
पूर्वार्थ
''सुनों''
''सुनों''
Ladduu1023 ladduuuuu
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
gurudeenverma198
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
दीपक झा रुद्रा
जिसके लिये वो अंधा हुआ है
जिसके लिये वो अंधा हुआ है
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
छपने लगे निबंध
छपने लगे निबंध
RAMESH SHARMA
वो मेरा है इसका गर्व है मुझे
वो मेरा है इसका गर्व है मुझे
Ankita Patel
Loading...