कविता
महात्मा गांधी
पराधीनता के बंधन से जिसने किया हमें आजाद।
ऐसे महापुरुष को भारत करता रहेगा युग-युग याद।
कर्मठ त्याग तपस्वी सादा जीवन जिनके उच्च विचार।
‘सत्य अहिंसा परमोधर्मा’ की करते सबसे दरकार।
विजय है निश्चित,देर हो कितनी,जहां सत्य का धाम है।
दुख के अंधकार में गांधी सुख के सूर्य का नाम है।
अलख जगाईथीस्वराज की तो दुश्मन हो गया हताश।
दृढ़ निश्चय और तप की शक्ति पर बापू को था विश्वास।
राष्ट्रपिता वह देश भक्त भारत माता के सच्चे सेवक।
पद चिन्हों पर चले आज हम देश के लिए आवश्यक।
नमिता शर्मा