कविता
प्यारे बच्चे
यह गांव शहर गलियां रोशन है इनके दम से।
हर घर में रोशनी का दीपक है प्यारे बच्चे।।
यह रंग तितलियों के पंछी सी चहक इनसे।
इस देश के गुलशन के हैं फूल प्यारे बच्चे।।
उगता हुआ ये सूरज और नींव देश की ये।
कल के सुनहरे सपने साकार करते बच्चे।।
कुछ कर्म यह करेंगे कुछ धर्म सब निभाए।
फिर देखो चांद तारे बन जाएंगे ये बच्चे।।
निर्लेप भाव इनका निर्मल हैं प्रेम धारा।
उपहार ईश का ये सृष्टि में प्यारे बच्चे।।
पाने को प्रेम हमसे देने को सच्ची चाहत।
सुंदर सा गीत कविता लगते हैं प्यारे बच्चे।।
नमिता शर्मा