कविता
युवावीर
लक्ष्य पर निगाहजिनकी अडिग अचल पग
ऐसे युवा वीर मान देश का बढ़ातेहै
मातृभूमि सेवा में निश-दिन तैयार रहे
ऐसे युवा वीर गान जयहिन्द गाते है।
त्याग और तपस्या के तीर जिनके तरकश में
ऐसे युवा वीर शान रण की कहाते है।
मिट्टी का मोल अपने प्राणों से बढ़ के समझे
ऐसे युवा वीर जान देश की कहाते है।
साँसो का हर पुष्प देश को चढ़ाते जो
ऐसे युवा वीर पद निशान छोड़ जाते है।
कर्म, धर्म, योग, शक्ति ,धीर ,संस्कारी जो
ऐसे युवा वीर फिर महान बन जाते है।
नमिता शर्मा