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24 Mar 2023 · 1 min read

कविता

चीटी सा चलना सीखो, गिरकर भी उठना सीखो, दर्द पराया समझ सको तुम, ग़म में भी जलना सीखो,।। जहाँ काम आती है सुई, उस जैसा बनना सीखो, मदीरा पीकर बहक गये जो, उन सा ना बनना सीखो।। सूर्य भी उगता ढलता है, उस जैसा जलना सीखो, चंद्रमा सी शीतलता लेकर, अंधकार मे चलना सीखो।।

Language: Hindi
1 Like · 181 Views

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