कविता
“स्त्री विमर्श ”
*
लड़कियों को
चाहिए आज़ादी
रातों को बेखौफ़ घूमने की,
दिनभर बेरोकटोक
कोई भी काम करने की ,
अपने अनुसार चलने,फिरने और रहने की ,
लड़कों से आगे बढ़ने की,
पढ़ने,लिखने और सपने बुनने की,
अपनी प्रशंसा सुनने की,
अपनी मर्ज़ी से जीवन साथी चुनने की,
लड़कों की तरह माँ बाप से लड़ने,झगड़ने
और उनकी नसीहतों को न मानने की,
मतलबपरस्त ज़िंदगी जीने की।
और ये सब चाहिये
इसी दुनिया में
जहाँ
लड़के
भी हैं।
-अजय प्रसाद