कविता
नोटबंदी कि लगी एसी मार ,
फिर भी अब कि बार तेरी सरकार।
कुर्सी पर तेरा एसा डेरा,
जैसे शनिदेव का कुन्डली पर घेरा।
GST का तेरा अत्याचार,
व्यापार का कर दिया बंटाधार।
फिरभी व्यापारी होकर बेकार,
कहता फिरता अब कि बार तेरि सरकार।
उच्च और निम्न वर्ग को एक सा तोला,
मध्यम वर्ग को मंदी मे झकझोरा।
अब 2019 मे तु क्या नया लायेगा,
लगता हे व्यापारी को सुखे आँसू रुलायेगा।
—-सोनु सुगंध— १५/१०/२०१८