कविता
एक राह को चौराहा बना दिया
जगह जगह नफरत फैला दिया
यकीन न आया इन आंखों को
मुस्कुरा के घर से वापस लौटा दिया
खड़े के खड़े ही रह गये इलाही
भरी महफ़िल में प्यार से उठा दिया
नूरफातिमा खातून” नूरी”
13/4/2020
एक राह को चौराहा बना दिया
जगह जगह नफरत फैला दिया
यकीन न आया इन आंखों को
मुस्कुरा के घर से वापस लौटा दिया
खड़े के खड़े ही रह गये इलाही
भरी महफ़िल में प्यार से उठा दिया
नूरफातिमा खातून” नूरी”
13/4/2020