कविता हे राम
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
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है राम ,,,,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
है श्याम,,,,,,, सहारा तेरा है।
मेरा तेरे सिवा प्रभु अब नही।
घनश्याम ,,,,,,,,सहारा तेरा है।
नैया के खेवनहार,,,,,,तुम्ही,
शबरी के पालनहार,,,,तुम्ही,
दो दर्श,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
मन मिलने को आतुर स्वामी,
मैं भजन गाऊं दो सुर स्वामी,
दो हर्ष ,,,,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,, ,,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
कुछ परमारथ करती जाऊं,
दुखियों के दुख हरती जाऊं,
नाम का सहारा,,,,, ,तेरा है।
हे राम,,,,,,, , सहारा तेरा है।
जिसने भी राम ,,,,,उचारा है,
उसको मिल गया किनारा है,
सरिता को सहारा,,,, तेरा है।
घनश्याम सहारा ,,,,,,,तेरा है।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर