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29 Apr 2017 · 1 min read

कविता : हुआ अपेक्षित है आवश्यक

हुआ अपेक्षित है आवश्यक,सद् मारग पर तुमको चलना।
परहितार्थ जीवन यापन हो,सद् आचरण बनाये रखना ।।३!!
सुस्थिरप्रग तुम्हें रहना है,घबराहट तुमसे घबराये
विजय तुम्हारी होगी निश्चित ,चक्रव्यूह तुमसे चकराये ।।४!!
हरिमण्डल में रहे आप तो ,मंगलमय तव जीवन होगा।
ध्यान- धारणा, आराधन से योगेश्वर से हो संयोगा ।।५!!
–+ जितेंद्र कमल आनंद , रामपुर दिनांक २९-४-१७

Language: Hindi
603 Views
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