कविता -“स्वर गिनती “
कविता :-पढ़ाई,गिनती-स्वर की
।कविता :-
पढ़ाई,गिनती-स्वर की
एक – अंगूर
दूसरा – आम
छोड़ो तिरथ सारे ,
पहले करलो अक्षर धाम,
तीन – ईमली
चार – ईख
पढ़ना लिखना सीख लो भैया ,
यही सयानी सीख।
पांच – उल्लू
छ: – ऊन
पहला महीना जनवरी
छटा माह है जुन।
सात – ऋषि
आठ – एड़ी
अक्षर ज्ञान है ,
प्रगति स्तम्भ की प्रखम पेड़ी।
नव – ऐनक
दस – ओखली
नये युग का नया शिखर हो,
छोडो प्रथाएं पुरानी खोखली।
ग्यारह – औरत
बारह – अंगूर
तेरह – इनका अहम्
अक्षर ज्ञान बिना
सबकुछ है वहम।
चतरसिंह गेहलोत निवाली बडवानी
९४२४५४०४२१