Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2017 · 1 min read

कविता -“स्वर गिनती “

कविता :-पढ़ाई,गिनती-स्वर की

।कविता :-

पढ़ाई,गिनती-स्वर की
एक – अंगूर

दूसरा – आम

छोड़ो तिरथ सारे ,

पहले करलो अक्षर धाम,

तीन – ईमली

चार – ईख

पढ़ना लिखना सीख लो भैया ,

यही सयानी सीख।

पांच – उल्लू

छ: – ऊन

पहला महीना जनवरी

छटा माह है जुन।

सात – ऋषि

आठ – एड़ी

अक्षर ज्ञान है ,

प्रगति स्तम्भ की प्रखम पेड़ी।

नव – ऐनक

दस – ओखली

नये युग का नया शिखर हो,

छोडो प्रथाएं पुरानी खोखली।

ग्यारह – औरत

बारह – अंगूर

तेरह – इनका अहम्

अक्षर ज्ञान बिना

सबकुछ है वहम।

चतरसिंह गेहलोत निवाली बडवानी

९४२४५४०४२१

Language: Hindi
1 Like · 1139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
#तेवरी
#तेवरी
*प्रणय*
जो तुम्हारे भीतर,
जो तुम्हारे भीतर,
लक्ष्मी सिंह
वीर दुर्गादास राठौड़
वीर दुर्गादास राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
देश हमारा बदल रहा है /
देश हमारा बदल रहा है /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अच्छा समय कभी आता नहीं
अच्छा समय कभी आता नहीं
Meera Thakur
समृद्धि
समृद्धि
Paras Nath Jha
12) मुमकिन नहीं
12) मुमकिन नहीं
नेहा शर्मा 'नेह'
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
Rakshita Bora
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
एतमाद नहीं करते
एतमाद नहीं करते
Dr fauzia Naseem shad
*******मिल जाएगी मंज़िल राही*******
*******मिल जाएगी मंज़िल राही*******
Dr. Vaishali Verma
श
Vipin Jain
मुझे आज फिर भूल
मुझे आज फिर भूल
RAMESH SHARMA
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
sushil sarna
मंज़िल अभी थोड़ी दूरहै
मंज़िल अभी थोड़ी दूरहै
Ayushi Verma
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ख़ौफ़
ख़ौफ़
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इंतहा
इंतहा
dr rajmati Surana
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
Jyoti Roshni
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
2566.पूर्णिका
2566.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
Rj Anand Prajapati
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
बेरंग दुनिया में
बेरंग दुनिया में
पूर्वार्थ
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
Loading...