कविता – लो आगया मोदी का राम – राज
लो आ गया मोदी का राम राज ,
राजा रंक समान हो गये आज ।
निकल आया उनका कालाधन ,
मिट जायेंगे जो न आये थे वाज ।। लो…….
समझे जो इसको थाती थे ,
भ्रष्टों के बने जो संगाती थे ।
उजागर होगा उनका कालाधन ,
भ्रम अर्थव्यवस्था के जो साथी थे ।
दिल में ही रह गया दिल का राज ।। लो……….
500,1000 के बन्द होगये नोट ,
गंजे के सिर पै जैसे गिरा अखरोट ।
लंगूर सब तमाशा देख रहे ,
बन्दर ने जैसे खाई हो चोट ।
निर्भय निःशंक हो रहा समाज ।। लो…………..
सत्ता का मद होगया चकनाचूर ,
इटली की बिल्ली का टूट गया गुरूर ।
मनमोहन तमाशा देखते रहे ,
भले ही ईमानदार रहे जरूर ।
मूक होके जिनके सिर पै था ताज ।। लो………
इससे जनता का हित होगा ,
शुभ परिवर्तन नव नित होगा ।
आयेंगे अच्छे जरूर दिन ,
आतंकवाद के खात्मे के सहित होगा ।
मोदी पर होगा सबको नाज़ ।। लो………….
परिवर्तन की है बयार चली ,
मोदी आज के हैं बजरंगबली ।
लंका का कर देगें नाश ,
निशाचरों में मचा रहे खलवली ।
गरीबों के लिए कर रहे काज ।। लो………….
इससे देश का होगा विकास ,
गरीबों के सुख का फैलेगा प्रकाश ,
चहुँ ओर होगी खुशहाली ,
घनघोर बादल हो जायेंगे साफ ।
नव सम्भावना लेकर आया है आज ।। लो……..
। । डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज ।।