कविता :– मौत से हनीमून है !!
मौत से हनीमून
जवानी है जुनून है
चैन है सुकून है ;
ऐ जिन्दगी तू फक्र कर
अब मौत से हनीमून है !!
अभी जरा थाम के रख दिल के इस गुब्बारे को !
धधक रहा तेरे सीने में रोक ना उस अंगारे को !
अपनी चलाता बस चला चल सच की सत्ता हथियाने ,
गर तुझको राज ना आये बदल दे उस गलियारे को !
और जता दे सबको
तेरी रगों मे खून है ;
ऐ जिन्दगी तू फक्र कर ,
अब मौत से हनीमून है !!
अब बना ना तू तमासा मौत आने का !
और भरोसा ना रख कभी लौट आने का !
बस चला चल आगे मन्जिल पास आयेगी ,
पर जरा भी सोच मत खौफ खाने का !!
अभी थोडा सज-सवर ले ,
दुनिया इक सैलून है ;
ऐ जिन्दगी तू फक्र कर ,
अब मौत से हनीमून है !!
कभी ऐसे काम ना कर मौत दामन छोड़ दे !
सहादत की आदत बना सब मौत पर छोड़ दे !
मौत से हनीमून कर फिर तेरी पहचान है ,
सीने से लगा मौत को फिर हर वला आसान है !!
जवानी है जुनून है
चैैन है सुकून है ;
ऐ जिन्दगी तू फक्र कर
अब मौत से हनीमून है !!
Writer—-Anuj Tiwari “Indwar”
Umaria MP