Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2022 · 1 min read

कविता मेरा संसार है

कविता मेरे हृदय की आवाज है
अप्रकट भावों का प्रकट संसार है।
मां की सी ममता व दुलार है
पिता की सीख का आधार है।
इसके साथ मैं रोती भी हूं
और फिर खुलकर हंसती भी हूं ।
कहीं बांट न पाये जो सुख दुःख
इससे ही सब कहती भी हूं ।
गर्मी के तपते दिवसों में
ये संध्या की पुरवाई सी है ।
शीत ऋतु की खिली धूप ये
बारिश अति सुखदाई सी है ।
नित मुझसे ये बातें करती
साहस मेरे मन में भरती ।
हाथ पकड कर रखती मेरा
मन का सब खालीपन भरती ।
मीत बनी ये कविता मेरी
ये मुझको मैं इसको पढ़ती ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
🙅किस्सा कुर्सी का🙅
🙅किस्सा कुर्सी का🙅
*प्रणय प्रभात*
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
Bhupendra Rawat
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
ममता का सागर
ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
“ बधाई आ शुभकामना “
“ बधाई आ शुभकामना “
DrLakshman Jha Parimal
ना मुमकिन
ना मुमकिन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जुबां बोल भी नहीं पाती है।
जुबां बोल भी नहीं पाती है।
नेताम आर सी
होली गीत
होली गीत
Kanchan Khanna
जुमर-ए-अहबाब के बीच तेरा किस्सा यूं छिड़ गया,
जुमर-ए-अहबाब के बीच तेरा किस्सा यूं छिड़ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भारत का बजट
भारत का बजट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
(24) कुछ मुक्तक/ मुक्त पद
(24) कुछ मुक्तक/ मुक्त पद
Kishore Nigam
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
सपनों का राजकुमार
सपनों का राजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
स्मृतिशेष मुकेश मानस : टैलेंटेड मगर अंडररेटेड दलित लेखक / MUSAFIR BAITHA 
स्मृतिशेष मुकेश मानस : टैलेंटेड मगर अंडररेटेड दलित लेखक / MUSAFIR BAITHA 
Dr MusafiR BaithA
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"ज्ञान रूपी दीपक"
Yogendra Chaturwedi
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Sampada
टॉम एंड जेरी
टॉम एंड जेरी
Vedha Singh
हर गम दिल में समा गया है।
हर गम दिल में समा गया है।
Taj Mohammad
यूँ तो बिखरे हैं
यूँ तो बिखरे हैं
हिमांशु Kulshrestha
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...