कविता दिवस
कथ्य शिल्प रस के बिना,किये छंद कुछ पेश।
खूब मनाया आपने,…कविता दिवस रमेश!!
जीवन में होगा नहीं,.हरगिज मनुज निराश !
काट दिये तकलीफ के,अगर वक्त पर पाश !!
सुनने मे अच्छा लगे,.लगता मगर अजीब!
सिखलाए हमको अगर,शातिर ही तहजीब!!
रमेश शर्मा.
कथ्य शिल्प रस के बिना,किये छंद कुछ पेश।
खूब मनाया आपने,…कविता दिवस रमेश!!
जीवन में होगा नहीं,.हरगिज मनुज निराश !
काट दिये तकलीफ के,अगर वक्त पर पाश !!
सुनने मे अच्छा लगे,.लगता मगर अजीब!
सिखलाए हमको अगर,शातिर ही तहजीब!!
रमेश शर्मा.