कविता क्या है
कवियों की है थाती कविता
अवगुण को है खाती कविता
सोने वाले हर राही को
है झकझोर जगाती कविता
क्या है किसकी जिम्मेदारी
कैसे मिटे समस्या भारी
दानवता कैसे जाएोगी
कैसे मानवता आएगी
हम सबको इन सब बातों का
है नित बोध कराती कविता
कवियों की है थाती कविता
अवगुण को है खाती कविता
भटके को पथ दिखलाती है
अच्छी बातें सिखलाती है
है विपत्ति में धैर्य बधाती
संगी बनकर. साथ निभाती
मुर्दों में भी जान डाल कर
जिन्दा है कर. जाती कविता
कवियों की है थाती कविता
अवगुण को है खाती कविता
निशिदिन जो चिंतित रहते हैं
पल-पल दारुण दुख सहते हैं
भागदौड़ है जिनके मग में
भरा हुआ है दुख रग-रग में
ऐसों को भी हँसा- हँसा कर
चिंता मुक्त कराती कविता
कवियों की है थाती कविता
अवगुण को है खाती कविता
मनरंजन करती है मन का
लक्ष्य बताती है जीवन का
सुख मिलता है इसको सुनकर
जन्म सफल होता है गुनकर
पर अवधू तिगड़मबाजों को
है हर वक्त सताती कविता
कवियों की है थाती कविता
अवगुण को है खाती कविता
रचनाकार—अवध किशोर ‘अवधू’
मो. न.9918854285
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