कविता के शब्द
शब्द
ये कविताएं क्या हैं केवल सुर शब्दों की सरिता है
करें प्रज्ज्वलित हृदय चेतना ये पावन सविता है
ये लय वद्ध कहीं प्रार्थना, कहीं पूजा आराधन है
कहीं योग की दें प्रेरणा, कहीं शक्ति आवाहन है
ये गाथा बलिदानों की, शौर्यता की परिचायक भी
शब्द बंधे मन्त्रों तंत्रों में, त्याग तपस्या साधन है
शब्दों की ही महिमा देखो, ये कुरुक्षेत्र की गीता है
अनहद बन डमरू में सजते, वीणा के रागों में बजते
यही राम राज बन रमते, यमुना में कालिया मर्दन करते
शब्द बांसुरी के सुर लय में, राधा मीरा औ ललिता में
संयोग सिंगार की रात बनाते, विरह में यही आहें भरते
वेद ज्ञान का सार यही हैं, घर आंगन की शुचि शुभता हैं
शब्द क्रांति परिवर्तन करते, शब्द ही व्यूह की रचना करते
शब्द ही मित्र शत्रु कर देते , शब्द विजय की गाथा लिखते
शब्द भरा सागर ईश्वर का, चिन्तन मनन मंथन यही सबका
शब्द सहन शक्ति बन सहते, मृदु वाणी से मन हर लेते
यही संबंधो की परिभाषा हैं, शब्द ही संविधान भाषा है