कविता की बोली लगी
२७/९/२३
#कुण्डलिया #
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कविता की बोली लगी,आज भरे बाजार।
पढ़ें चुटकुले मंच पर,देखि लिफाफा भार।।
देखि लिफाफा भार, सुनाते चटपट रचना।
भाव नहीं नहिं छंद, बताते अभिव्यंजना।।
कहै अटल कविराय,बहाते झूठी सरिता।
आज हुई नीलाम, देख लो भोली कविता।।
# अटल मुरादाबादी #
९६५०२९११०८