कविता :– एक सपना ………अखण्ड भारत का !!
एक सपना …… अखण्ड भारत का !!
माँ का आँचल छीन रहे,
जो पाला इन हुरदंगो को !
अस्मत माँ की मैली करते,
कर हिंदू-मुस्लिम दंगो को !!
आज पाक संग मस्ती करते,
गाँवों मे गलियारों मे !
पर देश का सौदा कर डाला,
कूछ घर के गद्दारों ने !
सरदार पटेल जी का वीणा,
गर कोई नहीँ उठाएगा !
एक अखंड भारत का सपना ,
सपना ही रह जायेगा !!