कविता …उसके प्यार में
उसके प्यार में …
यार मेरा मेरे घर आया होता |
रौशनी से घर मेरा जगमगाया होता ||
उनकी याद सहेजता इस तरह |
एक सुंदर ताजमहल बनाया होता ||
करता एतबार जो वो मेरी कहानी पे |
हाल ए दिल उसे सब सुनाया होता ||
भटकता न रात भर यूं अंधेरों में |
इक जुगनू भी गर टिमटिमाया होता ||
धुल जाता मन का मेरे मैल सारा |
मैं भी उस दरिया में काश नहाया होता ||
यूं शमा पे न मरता कभी परवाना |
इश्क में इस कद्र न पगलाया होता ||
सजती बहारों की घर मेरे महफ़िल दर्द |
मेरे प्यार का फूल आंगन में खिलखिलाया होता ||
अशोक दर्द