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17 Jun 2023 · 1 min read

कविता : उदय

कविता : उदय

सूर्य उदय तब समझिये, जीवन का अनमोल।
मन उर्जा से तृप्त हो, कहे सुहाने बोल।।

आत्मसात हर क्षण करो, मिले बड़ा आनंद।
प्रेमभाव बढ़ने लगे, लिखो मिलन के छंद।
शहद भरे हर शब्द में, बोलो जब तुम तोल।।

सभी जीव अद्भुत लगें, सबकी अपनी लीक।
नहीं बड़ा छोटा दिखे, चलो हृदय नजदीक।
सबकी अपनी भूमिका, निजता लिए कलोल।।

ईश्वर की सब मूर्तियाँ, ईश्वर के सब दूत।
भेद कभी करते नहीं, प्रभु के नेक सपूत।
जागो प्रीतम नींद से, चलिए आँखें खोल।।

#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रचना

Language: Hindi
91 Views
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