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23 Jun 2023 · 1 min read

कविता : आँखें

श्रद्धा प्रेम आदर है, दिल के भाव सारे हैं।
पढ़कर देखिये इनको, क्या-क्या ये सँवारे हैं।।
अनुभव का खज़ाना है, पूजा और मंदिर है।
मोती चाह के इनमें, आँखों में समंदर है।।

बिन बोले बताती हैं, दिल के राज गाती हैं।
लब जो कह नहीं पाते, ये वो कह सुनाती हैं।।
आईना हृदय का बन, सुख-दुख सब दिखा देती।
रिश्ते प्यार के पल में, सबसे से बना लेती।।

हर अहसास बोले हैं, ज़रा नहीं छिपाती हैं।
ये झूठी नहीं बिलकुल, सच्चाई जताती हैं।।
भाषा सीख लो इनकी, जीवन ये महक जाए।
आँखों से मुहब्बत कर, ‘प्रीतम’ दिल चहक जाए।।

#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रचना

Language: Hindi
2 Likes · 191 Views
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