Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2022 · 1 min read

कविता अंतराष्टीय दिवस

कविता बोली कविता से,
जन्म दिवस आज है मेरा।
इसे ठाठ से तुम मनाओ,
केक मोमबत्ती की जगह,
रस छंद अलंकार लगाओ।

कविता बोली कविता से,
मेरी हुई है नई नई शादी,
मै तो हनीमून पर जाऊ।
हनीमून से लौटकर ही,
तेरा जन्मदिवस मनाऊं।

सुनकर ये बाते उसकी,
कविता ही गई निराश।
जन्मदिवस की नही रही,
उसको कोई भी आस,
पर मन में था विश्वास।

कविता कवियों से बोली,
बुलाओ सब कवियों को,
अब तुम सब मेरे पास,
कवि गोष्ठी हम करेंगे,
कोई भी न होगा निराश।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
आंगन की किलकारी बेटी,
आंगन की किलकारी बेटी,
Vindhya Prakash Mishra
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
कसौटी
कसौटी
Astuti Kumari
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
■ सीधी सपाट...
■ सीधी सपाट...
*प्रणय प्रभात*
3005.*पूर्णिका*
3005.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
"मुशाफिर हूं "
Pushpraj Anant
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
देश हमारा
देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
Aadarsh Dubey
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
Lokesh Sharma
मां
मां
Sonam Puneet Dubey
* हाथ मलने लगा *
* हाथ मलने लगा *
surenderpal vaidya
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
दिल तोड़ना ,
दिल तोड़ना ,
Buddha Prakash
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*यारा तुझमें रब दिखता है *
*यारा तुझमें रब दिखता है *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेवाडी पगड़ी की गाथा
मेवाडी पगड़ी की गाथा
Anil chobisa
"अक्षर"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
Loading...