Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2021 · 1 min read

कविताई

कविताई__
है भाव खतम सब भाई|
कैसे होगी कविताई|
अपनी अपनी पडी़ है सबको, अपनी रूचि है भाई|
है भाव…..
है स्वार्थ सिद्ध अब जनता|
ना किसी का किसी से बनता|
है दूर हो गई समता|
चहुँ ओर है व्याप्त विषमता|
अंतर्मन हुआ विषपायी|
कैसे होगी कविताई|
जो लाई तुम्हें धरा पर, |
जीवन और मृत्यु से लडकर|
तेरी उन्नति के खातिर,
हर क्षण रहती थी तत्पर|
लालन का सुख सर्वोपरि,
यह कहती थी वह माई|
है भाव खतम….
माँ की ममता है हतप्रभ|
रिश्ते सब हुए हैं निष्प्रभ|
घायल कातर मानवता,
कटुता ही कटुता सुलभ|
अब तो भाई चतुराई
कहाँ याद रही अब माई|
है भाव….
अपनी तो बीत गई है,
है बड़ीभयानक चिंता|
कैसे समाज को किया
सुसज्जित जहाँ कुत्सित
मानवता|
रिश्तों का शरबत छोड़ दिये|
नफरत का चादर ओढ़ लिये|
आने वाली पीढ़ी को हम
कडवाहट का हैं कोढ़ दिये|
अब ताप है सहते ईष्या के मन बुधि एकदम भरमाई|
है भाव खतम…
इस तरह नहीं सूखा करते
अपनों से नहीं रूठा करते|
यह जगत भावनाओं का है|
पत्थर से नहीं निष्ठा करते|
अमिय तुल्य भावनाओं का महसूस करो अरूणाई|
सब भाव खतम…
डा. पूनम श्रीवास्तव (वाणी) ?️???

Language: Hindi
459 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
डर लगता है।
डर लगता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कौड़ी के भाव ले के दुआ
कौड़ी के भाव ले के दुआ
अरशद रसूल बदायूंनी
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
shabina. Naaz
💞सुना है ....
💞सुना है ....
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दिल टूटने का डर न किसीको भी सताता
दिल टूटने का डर न किसीको भी सताता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मिटते ही इंसान के,
मिटते ही इंसान के,
sushil sarna
कणों से बना हुआ समस्त ब्रह्मांड
कणों से बना हुआ समस्त ब्रह्मांड
ruby kumari
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अंधेर नगरी
अंधेर नगरी
Dr.VINEETH M.C
हरियाली तीज
हरियाली तीज
SATPAL CHAUHAN
झुकना होगा
झुकना होगा
भरत कुमार सोलंकी
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
Phool gufran
💐*एक सेहरा* 💐
💐*एक सेहरा* 💐
Ravi Prakash
तन्हायी
तन्हायी
Dipak Kumar "Girja"
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
क्या कहूं उस नियति को
क्या कहूं उस नियति को
Sonam Puneet Dubey
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
मैं खड़ा किस कगार
मैं खड़ा किस कगार
विकास शुक्ल
..
..
*प्रणय*
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
हम सबके पास शाम को घर लौटने का ऑप्शन रहना ज़रूरी है...हम लाइ
हम सबके पास शाम को घर लौटने का ऑप्शन रहना ज़रूरी है...हम लाइ
पूर्वार्थ
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
Legal Quote
Legal Quote
GOVIND UIKEY
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
"प्रपोज डे"
Dr. Kishan tandon kranti
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
Loading...