गीत _ राम-मंदिर
गीत~अयोध्या में राम-मन्दिर बनाते हैं
…………………………..
खुशी के अश्कों से, नयन भर आते हैं।
अयोध्या में आओ, राम मन्दिर बनाते हैं।।
एक अधर्मी तुर्की ने,
जब हाहाकार मचाया था।
गिरा दिया मंदिर श्रद्धा का,
मस्जिद का अक्श सजाया था।।
देख के जिसके रक्तपात को, ब्रह्मा भी डर जाते हैं।
अयोध्या में आओ, राम-मन्दिर बनाते हैं।।
चाल बहुत सी चली रिपु ने,
जीत हुई सच्चाई की।
लटका के मुह बैठे सारे,
कद्र करने लगे अच्छाई की।।
दोष इन्हें अब है क्या देना,वतन से प्यार जताते हैं।
अयोध्या में आओ, राम-मन्दिर बनाते हैं।।
आ गया खुशी का आलम वो,
श्री राम आयोध्या आयेंगे,
मिल गया आशियाँ मेरे राम को।
हर लब, अब ये गाएंगे।।
नाम लिखें तो पत्थर भी,पानी में तर जाते हैं।
अयोध्या में आओ, राम मन्दिर बनाते हैं।
सच होता सा लगता सपना,
हसरत ना रही कुछ पाने की।
हसीं जिंदगी अब लगती,
श्रीराम को भेंट चढ़ाने की।
अरमाँ हसीं ना जाने कितने आँसूं में बह जाते हैं
अयोध्या में आओ, राम मन्दिर बनाते हैं।
खुशी के अश्कों से, नयन भर आते हैं।
अयोध्या में आओ, राम मन्दिर बनाते हैं।।
✍ शायर देव मेहरानियाँ
अलवर, राजस्थान
(शायर, कवि व गीतकार)
slmehraniya@gmail.com