कल
कल जो बीत गया है,
वो फिर कहाँ आएगा,
ज्यादा मत सोच,
वरना उलझकर रह जाएगा.
शुक्र मना कि अब भी,
आज का दिन नसीब हुआ है,
कहीं कोई नेकी हुई होगी,
सुधरने का मौका मिला है.
तो फिर, उठ, खडा हो,
आगे बढ,, पछताना छोड़,
नये तरिके से जिंदगी का,
आगाज कर.
कल तो बीत गया है,
ये कहाँ फिर आएगा,
मगर फिर भी, नया कल,
नयी सुबह लाएगा.