कल हो न हो
रोज़ कोई ना कोई बुरी खबर मिल जाती है
जाने ये ज़िंदगी क्यों हमें इतना सताती है
हम नहीं कोई और है जो ये सृष्टि चला रहा है
शायद हमको यही अहसास दिलाती है।।
मिला था वो चंद रोज़ पहले मुझसे
और आज वो छोड़कर चला गया
घूम रहा हंसता हुआ चेहरा ज़ेहन में उसका
जाने क्यों वो मुंह मोड़कर चला गया।।
है ये जीवन इतना अनिश्चित
यहां जो आज है वो कल नहीं
किसी का कटता नहीं समय
और जो जीना चाहता है
उसे मिलता एक पल भी नहीं।।
जान लो है नश्वर हर चीज़ यहां पर
किसी का भी मोह ठीक नहीं
जो छूट जाता है जीवन की राह में
उस पर विलाप अब ठीक नहीं।।
मिला है जो अमूल्य जीवन हमें
उसका पल पल हम दिल से जियें
जो रहता है साथ जबतक हमारे
उसको खुशियां देकर हर पल जियें।।
जी लो इस ज़िंदगी को हंसी खुशी
कौन जानता है कल हो न हो
जियो जिंदादिली से हर पल तुम
जाने ये हसीन पल कल हो न हो।।