..#कल मैने एक किताब पढ़ी
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
उस #किताब में बहुत #सुन्दर सी कविता लिखी थी..
उस कविता में कुछ #पंक्तियाँ अभी भी मुझे याद हैं..
✍️✍️की इस दुनिया में सब कुछ #बिकता है..
तुम रहना जरा संभाल कर..
बेचने वाले हवा भी बेच देते हैं गुब्बरों में भरकर
जो तीन लोकों में बहता है वह पानी है वो बेच देते हैं
बोतल में भरकर………..✍️✍️
सब कुछ #बिकता है इस दुनिया में…
सच भी बिकता है झूठ भी बिकता है…
इसलिए जीना है तो #फूलों की तरह मत जियो…
जो एक बार खिले तो तुम्हें नष्ट कर दिया जाए..
अगर जीना है तो पत्थर की तरह #जियो…….
जिस दिन तराशे जाओगे ना…
उस दिन खुदा बन #जाओगे ……. …✍️
#विशाल #प्रजापति जी ✍️