कल मिलोगी जब तुम मुझसे…
कल मिलोगी जब तुम मुझसे,
तो शायद मैं कुछ कह पाऊं।
हो सकता है ऐसा भी,
कि कहते-कहते रुक जाऊं।
पर दिल की सारी बातें,
मेरी ये आंखें बोलेंगी।
जब तेरी प्यारी दो आंखें,
दिल का दरवाजा खोलेंगी।
मेरी लफ़्ज़ों के इंतजार में,
कहीं खो न देना उन लम्हों को।
छू लेना मेरे लब होंठों से,
जब सामने तेरे हम हों तो।
– आकाश त्रिपाठी (जानू)