कल को प्रेम से सजाइए___ गजल/गीतिका
सपने भविष्य के देखना चाहिए।
साथ वर्तमान का भी तो चाहिए।
समस्याएं आज की तो सुलझाइए।।
कल को प्रेम से सजाइए।।
यह हो जाएं,वह पा जाएं।
थोथा ढोल न बजाइए।।
कर्म के बन सारथी,करना इसकी आरती।
पल मिले फुर्सत के,
अपने ईष्ट की शरण जाइए।।
मिलेगा फल आज नहीं तो कल।
सब्र से काम चलाइए।।
जीवन से बड़ा न कोई धन।
काया निरोगी बनाइए।।
चलिए चलते है,काम अपना अपना करते है।
मंत्र यही आप भी मेरे साथ दोहराइए।।
राजेश व्यास अनुनय