कल किसकी बारी होगी?
रात बेचारी सोच रही
अब कल किसकी बारी होगी…..
मेरा क्या है मै तो गुज़री
सूरज तेरी ख्वारी होगी
रात बेचारी सोच रही
अब कल किसकी बारी होगी….
दरक दरक कर जिस्म कोई
टूटेगा और मर जायेगा
कोरी कोरी रूह किसी की
स्याह सुर्ख कारी होगी
रात बेचारी सोच रही
अब किसकी बारी होगी ……
कत्ल कर दिया जायेगा
फिर खंजर खोजा जायेगा
छाती पर रेती जाने वाली
नज़रों की आरी होगी
रात बेचारी सोच रही
अब कल किसकी बारी होगी……
खूं का नामोंनिशां न होगा
होठ तलक काले होगें
पोस्टमार्टम करने की कल
फिर से तैयारी होगी
रात बेचारी सोच रही
अब कल किसकी बारी होगी ……
काबिज़ होने को सत्ता मे
इस हद तक गिर जायेगे
नहीं पता था निरी भयाभव
इनकी अय्यारी होगी
रात बेचारी सोच रही
अब कल किसकी बारी होगी ……
मोदी जी तुम ही झुक जाओ
हाथी बन आवारा कुत्तों से
ये रेप कत्ल और लूटपाट
उन्नीस की तैयारी होगी
रात बेचारी सोच रही
अब कल किसकी बारी होगी ……
प्रियंका मिश्रा_प्रिया
अलीगढ़