Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2021 · 1 min read

कल्पना शक्ति

मनुष्य की कल्पना तीव्र गति से चलती है , बहुत ही अल्प समय में निर्णय लेने की शक्ति को प्रखर करने में इसका उपयोग करें।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 389 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*प्रणय*
सम्मान
सम्मान
Sunil Maheshwari
*अवध  में  प्रभु  राम  पधारें है*
*अवध में प्रभु राम पधारें है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
कान्हा भक्ति गीत
कान्हा भक्ति गीत
Kanchan Khanna
“Your work is going to fill a large part of your life, and t
“Your work is going to fill a large part of your life, and t
पूर्वार्थ
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
आजादी  भी अनुशासित हो।
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
Anis Shah
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
शनिवार
शनिवार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Gambling एक तार्किक खेल है जिसमे पूंजीपति हमेशा अपनी किस्मत
Gambling एक तार्किक खेल है जिसमे पूंजीपति हमेशा अपनी किस्मत
Rj Anand Prajapati
* चलते रहो *
* चलते रहो *
surenderpal vaidya
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
Ranjeet kumar patre
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
Bindesh kumar jha
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
Rituraj shivem verma
जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
Ajit Kumar "Karn"
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वक्त तुम्हारी चाहत में यूं थम सा गया है,
वक्त तुम्हारी चाहत में यूं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज का नेता
आज का नेता
Shyam Sundar Subramanian
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*जानो कछुआ देवता, हुआ कूर्म-अवतार (कुंडलिया)*
*जानो कछुआ देवता, हुआ कूर्म-अवतार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
शहर की गहमा गहमी से दूर
शहर की गहमा गहमी से दूर
हिमांशु Kulshrestha
"सितम के आशियाने"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...